अहमदाबाद न्यूज डेस्क: एअर इंडिया फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे के बाद अब पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक एयरलाइन ने 229 मृतकों में से 166 परिवारों को ₹25 लाख की राशि दी है, जिसमें विमान में सवार 147 यात्री और बी.जे. मेडिकल हॉस्टल के 19 स्थानीय निवासी शामिल हैं। बाकी 52 मृतकों के परिवारों के दस्तावेज जांच में हैं और उन्हें भी जल्द ही भुगतान किया जाएगा। हादसे में कुल 270 लोगों की मौत हुई थी।
इसी बीच टाटा समूह ने ‘AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’ की स्थापना की है, जिसने हर मृतक के परिजन को ₹1 करोड़ की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। यह ट्रस्ट न केवल हॉस्टल के पुनर्निर्माण में मदद करेगा, बल्कि उन फ्रंटलाइन वर्कर्स और मेडिकल स्टाफ को भी सहयोग देगा जिन्होंने बचाव कार्य में हिस्सा लिया था। इस पहल को व्यापक रूप से सराहा जा रहा है।
हालांकि, इस मुआवजे को लेकर विवाद भी गहराया है। ब्रिटेन की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स, जो 40 से अधिक पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही है, ने एअर इंडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फर्म का कहना है कि एयरलाइन परिवारों से वित्तीय जानकारी मांग रही है, जिससे उनके मुआवजे का हक प्रभावित हो सकता है। उनका दावा है कि एयरलाइन इस प्रक्रिया से लगभग ₹1,050 करोड़ बचाने की कोशिश कर रही है।
एअर इंडिया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि फॉर्म सिर्फ रिश्तों की पुष्टि के लिए हैं और उन्हें सरल बनाया गया है। एयरलाइन ने कहा कि वह पीड़ित परिवारों को पूरी मदद दे रही है और सभी को सम्मान और सहानुभूति के साथ मुआवजा देने की प्रक्रिया चला रही है।